Tuesday 21 July 2015

चूचियों में हाड टोहने वालों से सवाल!


जाटों की औरतों को रोड-सड़क के किनारों से खेतों में काम करते हुए देख, जाटों पे औरतों से डबल-डबल यानी घर का भी और खेत का भी काम लेने या सारा काम औरतों द्वारा ही करने का इल्जाम लगाने वाले अक्सर उन घरों से होते हैं जिनके यहां औरतें उनके लिए चूल्हा-चौका फूंकने के साथ घर में ही पचरंगा जैसे अचार डालने, ऑफिस एम्प्लाइज के लिए लंच-बॉक्स (मुम्बैया स्टाइल वाला टिफिन) तैयार करने से ले दरी-शाल-खेस बुनने के हथकरघों पे बैठी-बैठी खांसी-दमे की मरीज बन जाती हैं|

परन्तु वो इनको खुद को तो इसलिए नहीं दिखती क्योंकि इनके घर का मामला है, जाट इनको इसलिए नहीं दिखाता क्योंकि उसको चूचियों में हाड टोहने की लत नहीं| ऊपर से यह औरतें बंद घरों-गोदामों या दुकानों में ऐसे कार्य करती हैं, इसलिए बाहर के किसी इंसान को दिखती नहीं|

तो भाई चूचियों में हाड टोहने वालो, थम के चाहो कि इब हम थारे यहां सीसीटीवी कैमरे लगवा के तुम्हें तुम्हारे घरों में औरत की कितनी बदतर हालत है इसका आईना दिखावें तुमको, तब जा के यह चूचियों में हाड टोहने छोड़ोगे?

और बाई दी वे यह चूल्हे-चौकें के साथ जैसे ऑफिस गोइंग औरतें वर्किंग वीमेन कहलाती हैं और इस कल्चर को तुम लोग बड़ा हाई-स्टैण्डर्ड मान के बौराते फिरते हो, तो जाटों के यहां क्या वर्किंग वीमेन नाम के कल्चर पे कोई चीज नहीं होती या वो जाटों के यहां आते-आते वीमेन से डबल काम लेने से ले उसको काम के बोझ से लादे रखने का सगुफा बन जाती हैं? मैं कहूँ मखा थम टिक के खा लो, नहीं तो जो हमने कैमरे उठा लिए तो थमको अपने घरों की दीवारें सीसीटीवी कैमरा प्रूफ और सेंसिटिव बनवानी पड़ जांगी|

हरयाणवी कहावत "चूचियों में हाड टोहने' का मतलब होता है बिना बात की बात की बात बढ़ा के उसकी पूंछ बना देना|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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